- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

टीबी मरीजों को जांच और इलाज के लिए कर रहे हैं प्रेरित
- by
- Feb 11, 2021
- 1914 views
-नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात लैब टेक्नीशियन सौरव दोहरी चुनौती को दे रहे हैं मात
-डॉक्टर से लेकर मरीजों तक में हो गए हैं लोकप्रिय, यहां आने वाले मरीज उनसे सलाह लेना नहीं भूलते
भागलपुर, 11फरवरी
टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन फिर भी समाज के कुछ लोग इसके मरीजों से दूरी बना लेते हैं. समाज के लोग क्या मरीज भी चिंतित हो जाते हैं. ऐसे में उनकी जांच और इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की चुनौती बढ़ जाती है. एक तो मरीज की जांच और इलाज, दूसरा इस बीमारी के प्रति लोगों के मन में आम धारणा, लेकिन अगर लगन सच्ची हो तो मिसाल कायम किया जा सकता है. नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात लैब टेक्नीशियन सौरव कुमार इस मामले में शानदार काम कर रहे हैं. वह न सिर्फ मरीजों की जांच कर उसे इलाज के लिए प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि उनकी काउंसिलिंग भी कर रहे हैं.
मरीज सही तरीके से दवा का सेवन करें तो टीबी निश्चित समय में ठीक हो जाने वाली बीमारी है -
जब सौरव से यह पूछा गया कि आपके मन में किसी तरह का कोई भय नहीं रहता है तो उनका कहना है कि आखिर हमारी नियुक्ति तो इसी काम के लिए हुई है. सौरव कहते हैं टीबी भी दूसरी बीमारियों की तरह ही सामान्य बीमारी है और इसका मुफ्त में इलाज होता है. अगर मरीज सही तरीके से दवा का सेवन करें तो यह एक निश्चित समय में ठीक हो जाने वाली बीमारी है. इसलिए अगर किसी को टीबी के लक्षण दिखाई पड़े तो वह तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जांच और इलाज करवाएं. डरने की कोई जरूरत नहीं है.
पुराने ख्यालातों से लोगों को ऊपर उठने की जरूरत:
सौरव का कहना है कि आज के जमाने में तकनीक की मदद से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज संभव हो गया है. ऐसे में टीबी के मरीजों को तो ज्यादा सोचने की जरूरत ही नहीं है. पहले के जमाने में यह छुआछूत की बीमारी समझी जाती थी. आजकल के लोग ऐसा नहीं समझते हैं. इतने दिनों के अनुभव में मैंने यही पाया कि समाज के जो पुराने लोग हैं वही थोड़ा भय से ग्रसित होते हैं. आजकल के युवा पीढ़ी को इन बातों से डर नहीं लगता है. अगर सिर्फ पास रहने से अगर दूसरे में बीमारी हो जाती तो मैं नहीं टीबी से पीड़ित हो जाता. यह सब पुराने ख्यालात हैं. इससे ऊपर उठकर लोगों को टीबी के मरीजों को इलाज के लिए प्रेरित करना चाहिए.
प्रभारी बोले, बहुत ही लगन से अपना काम करता है सौरव: नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ विजेंद्र कुमार विद्यार्थी कहते हैं सौरव बहुत ही लगन से अपना काम करता है. ना सिर्फ टीबी के मरीज के लिए, बल्कि कोरोना काल में भी बेहतर काम किया है. सौरव की जो सबसे अच्छी बात है वह यह है कि मरीजों की जांच के बाद यह उसे उचित सलाह दे देता है, जिससे मरीज सही समय पर अपना इलाज करवा लेता और वह ठीक हो जाता है.
150 सौ से अधिक मरीजों की कर चुके हैं जांच: सौरव कुमार ने अब तक 150 से अधिक टीबी मरीजों की जांच की है और उसे इलाज के लिए उचित सलाह दी है. पिछले 11 साल से वह इस पेशे में हैं. 2010 से 2016 तक रंगरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात थे और 2016 से नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना योगदान दे रहे हैं. पिछले 5 साल में नारायणपुर क्षेत्र के कई ऐसे मरीज हैं जिनसे इलाज के दौरान उनकी अच्छी दोस्ती हो गई है. कई ऐसे लोग हैं जो अस्पताल आने के बाद इलाज के लिए सलाह लेने के लिए सौरभ के पास पहुंचते हैं.
संबंधित पोस्ट
Indian Industries to Get Global Platform as Index 2025 2.0 to Be Held in Patna,Bihar
- May 21, 2025
- 58 views
Bethal Football Academy Shines at Blue Cup Tournament Despite U-11 Final Heartbreak
- May 18, 2025
- 312 views
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar