Breaking News |
- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

टीबी मरीजों की पहचान में राघवेंद्र सहाय निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका
-2005 से बतौर लैब टेक्नीशियन के तौर पर काम कर रहे हैं
-पहले चांदन थी तैनाती, अभी सदर अस्पताल में निभा रहे हैं अपनी भूमिका
बांका-
किसी भी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि समय पर उसकी पहचान हो जाए। इसके लिए जांच की जरूरत होती है और अगर जांच करने वाला अनुभवी हो तो यह काम और आसान हो जाता । जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त कराना है। इसे लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत टीबी मरीजों की पहचान के लिए लगातार जांच भी की जा रही और इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं जिला यक्ष्मा केंद्र में तैनात लैब टेक्नीशियन राघवेंद्र सहाय। 2005 से नौकरी कर रहे हैं। पहले चांदन पीएचसी में तैनात थे। उनकी बेहतर सेवा को देखते हुए उन्हें जिला यक्ष्मा केंद्र बुला लिया गया है। जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाना है, ऐसे में उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है।
अभियान का अहम सदस्य बनाने पर उत्साहितः राघवेंद्र सहाय कहते हैं कि नौकरी है तो ड्यूटी तो करनी ही पड़ती है, लेकिन जब आपको किसी खास अभियान का अहम सदस्य बना लिया जाता तो लगता है कि आपने भी कुछ किया है। जब मैं चांदन पीएचसी में तैनात था तो वहां पर भी मेरे काम की लगातार तारीफ होती थी,। लेकिन तब मैं समझता कि हो सकता है कि उत्साह बढ़ाने के लिए मेरे वरीय अधिकारी ऐसा कह रहे होंगे, लेकिन जब मेरी पोस्टिंग जिला यक्ष्मा केंद्र में हुई तो मुझे लगा कि हमने कुछ जरूर अच्छा किया है। , इसलिए मेरी यहां पर तैनाती हुई है। पहले भी मैं शत प्रतिशत देता था, लेकिन अब मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। इसलिए मैं और तन्मयता से अपना काम कर रहा हूं। जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त कराना है, इसमें मैं भी अपनी भूमिका निभाना चाहता हूं। वर्तमान में आर टी पी सी आर तकनीक से कोरोना टेस्टिंग कार्य में भी वे अपना योगदान दे रहे हैं ।
टीबी के लक्षण दिखे तो जाएं सरकारी अस्पतालः जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा कहते हैं कि टीबी को जड़ से मिटाने में सभी कर्मियों की अपनी-अपनी भूमिका है। डॉक्टर इलाज करते हैं तो लैब टेक्नीशियन ही जांच कर मरीज की पहचान में अहम भूमिका निभाते हैं। अच्छी बात यह है कि सभी लोग अपनी भूमिका को निभा रहे हैं। लैब टेक्नीशियन राघवेंद्र भी अपनी भूमिका को बखूबी निभा रहे हैं। जब वह चांदन में था तब भी और जिला यक्ष्मा केंद्र आने के बाद भी। डॉ. सिन्हा कहते हैं कि टीबी को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसमें लोगों को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए। अगर किसी को टीबी का लक्षण दिखे तो उसे जल्द ही नजदीकि सरकारी अस्पताल जांच के लिए आना चाहिए। दो हफ्ते तक खांसी, या फिर शाम के पसीना आना, लगातार बुखार रहना, बलगम में खून इत्यादि लक्षण दिखे तो तत्काल सरकारी अस्पताल जाएं। वहां पर न सिर्फ मुफ्त में जांच और इलाज होता है, बल्कि दवा भी मुफ्त में दी जाती है। साथ में जब तक इलाज चलता है, तबतक पांच सौ रुपये प्रति माह पौष्टिक आहार के लिए राशि भी आती है।
संबंधित पोस्ट
Indian Industries to Get Global Platform as Index 2025 2.0 to Be Held in Patna,Bihar
- May 21, 2025
- 58 views
Bethal Football Academy Shines at Blue Cup Tournament Despite U-11 Final Heartbreak
- May 18, 2025
- 312 views
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar