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सतर्कता और जागरूकता के साथ करें फाइलेरिया से अपना बचाव
-फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार चला रही है तमाम तरह के कार्यक्रम
-सामुदायिक स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को कर रही जागरूक
बांका, 11 जनवरी-
फाइलेरिया से बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता बहुत जरूरी है। इसे लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर और सजग है। फाइलेरिया से बचाव को लेकर सरकार लगातार विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाती रहती है। इसके माध्यम से लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार की जानकारी समय-समय पर दी जा रही है। सामुदायिक स्तर पर लोग जागरूक हो सकें और शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर संबंधित मरीज अपना इलाज शुरू करवा सकें, इसे लेकर कई तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं। दरअसल, इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता के साथ-साथ सतर्कता भी बेहद जरूरी है। इसलिए, जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित तौर पर लगातार विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी दी जा रही है, ताकि संबंधित मरीज अपना सुविधाजनक तरीके से इलाज करवा सके और बीमारी पर रोकथाम सुनिश्चित हो सके।
अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन जरूरी: जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन बेहद जरूरी है। इसलिए, सरकार द्वारा समय-समय पर एमडीए अभियान का आयोजन कराया जाता है। इसके माध्यम से जिले भर में पखवाड़ा चलाकर लोगों को दवाई का सेवन कराया जाता है। फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजित कर एमएमडीपी किट उपलब्ध करायी जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा एएनएम, आशा कार्यकर्ता समेत अन्य कर्मियों के सहयोग से अभियान चलाकर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि एमडीए अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर लोगों को खुद के सामने अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवाएं खिलाई जाती हैं। गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दवा खिलाई जाती है।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आऱिफ इकबाल ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए।
शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है फाइलेरिया: फाइलेरिया मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। इसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं के स्तन शामिल हैं। हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया संक्रमित अन्य अंगों को ऑपरेशन द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को सामान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती है, जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है। डॉ. यादव ने बताया कि दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफेक्ट सामान्य होते , जो प्राथमिक उपचार से ठीक हो जाते हैं।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar